सफलता की कहानी
लोकडाउन बना अपनों को मिलवाने का जरिया
श्री गंगानगर जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की टीम के प्रयास रंग लाये
जयपुर,
19 मई 2020।
लॉकडाउन के दौरान श्री गंगानगर स्वास्थ्य विभाग जहां कोरोना को लेकर बेहतरीन कार्य कर रहा हैं, वहीं परिवार से बिछड़े लोगों को भी आपस में मिलवा रहा है। परिवार से मिलवाने वाला ऎसा ही दूसरा मामला मंगलवार को सामने आया। दरअसल, मानसिक रूप से परेशान कृष्णन तमिलनाडू से श्रीगंगानगर पहुंचा, जिसे कोरोना के चलते पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के सुपुर्द कर दिया ताकि स्वास्थ्य जांच हो सके। कृष्णन के बाहरी राज्य के होने के कारण उसे स्वास्थ्य विभाग ने जांच के बाद क्वारेंटाइन कर दिया। लेकिन भाषा व मानसिक बीमारी के कारण जानकारी नहीं मिली कि कृष्णन कहां का है और यहां कैसे पहुंचा।
जिला कलेक्टर श्री शिवप्रसाद एम. नकाते के निर्देशन पर विभाग की टीम एवं होमगार्ड के एक जवान ने अथक प्रयास कर उसकी जानकारी हासिल की और मंगलवार को उसकी परिजनों से वीडियो कॉल के जरिए वार्ता करवाई। अब जल्द ही उसके परिजन यहां आकर उसे लेकर जाएंगे।
सीएमएचओ डॉ. गिरधारी मेहरड़ा ने बताया कि बख्तांवाली में 26 अप्रेल को कृष्णन पुलिस टीम को मिला, जिसे जिला अस्पताल भेजा गया। यहां स्वास्थ्य जांच के बाद उसे उसी दिन विभाग के महेश्वरी धर्मशाला में बने क्वारेंटाइन सेंटर में भेज दिया गया। जहां उसकी देखरेख, खाने-पीने आदि की व्यवस्था विभाग ने की। इस दौरान टीम ने उससे पूछताछ की लेकिन भाषा की समस्या के चलते जानकारी हासिल नहीं हुई। इस पर तमिल भाषा के जानकार को बुलाकर पूछताछ की गई तो सामने आया कि कृष्णन तमिलनाडू का रहने वाला है और वह शादीशुदा भी है। वहीं आईटी के जानकार होमगार्ड जवान श्री रवि सिंह ने प्रयास कर कृष्णन के बारे में और जानकारी जुटाई एवं मंगलवार को मोबाइल नंबर आदि मिलने पर उसकी वार्ता परिजनों से करवाई।
वीडियो कॉल के दौरान वह और उसके परिजनों ने राहत की सांस ली। खुशी के आंसू लिए कृष्णन की पत्नी ने विभाग का शुक्रिया अदा किया। परिजनों ने बताया कि कृष्णन करीब सात-आठ माह पहले यहां से चला गया था और यह तभी से लापता है।
उन्होंने कहा कि वे जल्द ही उसे लेने श्रीगंगानगर आएंगे। सीएमएचओ डॉ. मेहरड़ा ने बताया कि कृष्णन के लिए क्वारेंटाइन में नियुक्त वैद्य विनोद शर्मा, डॉ. जयप्रकाश, मेल नर्स राजकुमार अरोड़ा, पुलिस कर्मी प्रमोद, रवि सिंह, डॉ. काजल व डॉ. हिमांशु आदि का अहम सहयोग रहा। वही डॉ. मुकेश मेहता व होम्योपैथी चिकित्सक एनपी सिंह ने सहयोग किया।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी 10 अप्रेल को 25 वर्षीय युवक अरमान भटकता हुआ श्रीगंगानगर पहुंचा, जिसे इसी धर्मशाला में रखा गया है और वह भी परिवार से बिछुड़ा हुआ था। विभागीय टीम की मेहनत की बदौलत उसके परिजनों की भी पड़ताल की गई।